नज़रें मिले तो उसे 'इज़हार' कहते हैं;
रातों को नींद ना आये तो उसे 'प्यार'
कहते हैं;
-.-
-.-
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मिले दिल तो उसे 'इकरार' कहते हैं;
पर जो इन सब में ना पड़े उसे 'समझदार'
कहते हैं।
रातों को नींद ना आये तो उसे 'प्यार'
कहते हैं;
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मिले दिल तो उसे 'इकरार' कहते हैं;
पर जो इन सब में ना पड़े उसे 'समझदार'
कहते हैं।
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